नई दिल्ली, हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा डीडीए पार्क सेक्टर-1 में बंसत उत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सांस्कृतिक विकास समिति, कोटद्वार, के कलाकारों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक नृत्य और गीतों के कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गयी। इस अवसर पर हिन्दी अकादमी के सचिव डॉ. जीतराम भट्ट ने कहा कि भाषा, कला, संस्कृति और संगीत का सामंजस्य समाज को सकारात्मक दिशा देता है। साथ सदियों से है एक दूसरे के बिना अधूरा है। वाणी और भाषा के द्वारा संगीत का आनंद कई गुणा बढ़ जाता है और बिना संगीत वाणी की मधुरता नही बनती। हिन्दी में ऐसे तो रोज कई गाने बनाये जाते हैं परन्तु जो सांस्कृतिक विरासत से सामना कराए ऐसा संगीत ऐसी कला अब विलुप्ति की कगार पर है यह हिन्दी अकादमी का भरसक प्रयास रहेगा कि ऐसे कार्यक्रम जारी रहें और जन सामान्य इससे जुडा रहे। संस्कृति समाज में उत्साह और उमंग का संचार करती है। संगीत निराशा में आशा का संचार करता है। दोनों से भाषा का प्रवाह आगे बढ़ता है। उल्लेखनीय है कि गीतों के माध्यम से हिन्दी का प्रचार-प्रसार अनेक देशों में बढ़ा है। इसी लिए विश्व में अधिकतर लोग हिन्दी बोलने लगे हैं। इस उत्सव में नयी पीढ़ी के असंख्य युवाओं ने उपस्थित होकर नृत्य और गीतों का आनन्द लिया। कार्यक्रम में अनेक साहित्यकार और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।